किशनगंज: बिहार के किशनगंज (Kishanganj) जिले में गुरुवार शाम को एक भीषण आगलगी की घटना सामने आई है। पाठामारी थाना क्षेत्र के दल्ले गांव पंचायत के अंतर्गत धोबीभिट्ठा गांव में अचानक लगी आग ने दो परिवारों के घरों को पूरी तरह राख में बदल दिया। इस घटना में प्रभावित परिवारों को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। स्थानीय पाठामारी पुलिस, सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के जवानों और ग्रामीणों की तत्परता के कारण आग पर जल्द ही काबू पा लिया गया, अन्यथा स्थिति और भयावह हो सकती थी।
धोबीभिट्ठा गांव की निवासी मुन्नी देवी और घिनानी देवी के घर इस आगलगी में पूरी तरह नष्ट हो गए। घटना के समय घर में कोई युवा व्यक्ति या महिला मौजूद नहीं थी। केवल वृद्ध और बीमार घिनानी देवी घर में थीं। आग लगने की सूचना तुरंत स्थानीय लोगों ने पाठामारी पुलिस को दी। पास में स्थित एसएसबी कैंप के कारण जवान तुरंत मौके पर पहुंचे और पास के तालाब से पानी लाकर आग पर काबू पाया। ग्रामीणों का कहना है कि आग की लपटें इतनी तेज थीं कि पास जाना लगभग असंभव था। बड़ी मुश्किल से बीमार घिनानी देवी को घर से सुरक्षित निकाला गया।
आग के कारण घर में रखे नकदी, जमीन के कागजात, आधार कार्ड, अनाज और कपड़े जलकर राख हो गए। आग लगने का सटीक कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है, लेकिन इसकी जांच जारी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस घटना ने क्षेत्र में दहशत पैदा कर दी है। हालांकि, पुलिस और एसएसबी की त्वरित कार्रवाई से बड़े नुकसान को टाला जा सका।
थाकुरगंज के अंचलाधिकारी सुचिता ने आगलगी की पुष्टि करते हुए बताया कि धोबीभिट्ठा गांव में दो परिवारों के घर जलने की खबर मिली थी। अंचल के कर्मचारियों ने प्रभावित परिवारों की सूची तैयार की है। तत्काल राहत के रूप में 12,000 रुपये और प्लास्टिक शीट प्रदान की गई है। यह राहत राशि मुखिया प्रतिनिधि गुलाम हसनैन की उपस्थिति में वितरित की गई। इसके अलावा, पूर्व विधायक गोपाल अग्रवाल के प्रतिनिधि ने भी पीड़ित परिवारों को सूखा राशन और अन्य आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराई।
आगलगी से प्रभावित परिवार वर्तमान में पूरी तरह असहाय स्थिति में हैं। स्थानीय लोग और सामाजिक संगठन उनकी मदद के लिए आगे आ रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि ऐसी आपदाओं में त्वरित राहत और पुनर्वास के लिए और प्रभावी कदम उठाए जाने की जरूरत है। प्रशासन ने बताया कि प्रभावित परिवारों के लिए आगे की सहायता की योजना बनाई जा रही है। यह घटना गर्मियों में आगलगी के जोखिम और प्रशासन की तत्परता की अहमियत को एक बार फिर उजागर करती है।