बॉलीवुड के मौजूदा संकट पर अभिनेता-निर्माता आमिर खान (Aamir Khan) और मशहूर गीतकार-पटकथा लेखक जावेद अख्तर ने चिंता जताई है। आमिर ने जल्दी ओटीटी रिलीज की आलोचना करते हुए कहा कि यह थिएट्रिकल रेवेन्यू को नुकसान पहुंचा रहा है। उनके मुताबिक, मौजूदा बिजनेस मॉडल दोषपूर्ण है, जो दर्शकों को सिनेमाघरों के बजाय ओटीटी प्लेटफॉर्म पर इंतजार करने के लिए प्रोत्साहित करता है। जावेद अख्तर का कहना है कि बॉलीवुड दर्शकों से अपना जुड़ाव खो चुका है, जबकि दक्षिण भारतीय फिल्में उत्तर भारत में 600-700 करोड़ रुपये का कारोबार कर रही हैं। 2025 में कई फिल्में थिएट्रिकल रिवाइवल की उम्मीद के साथ रिलीज होने वाली हैं।
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आमिर खान ने ‘आमिर खान: सिनेमा का जादूगर’ फिल्म फेस्टिवल के उद्घाटन में कहा, “हम दर्शकों से कहते हैं, ‘कृपया हमारी फिल्म सिनेमाघरों में देखें। नहीं तो आठ हफ्तों में यह ओटीटी पर मुफ्त में उपलब्ध होगी।’ यह बिजनेस मॉडल हमारा खुद का नुकसान कर रहा है।” उन्होंने बताया कि भारत में केवल 9,200 स्क्रीन हैं, जो इसकी विशाल आबादी के लिए अपर्याप्त हैं। उनके अनुसार, सबसे बड़ी हिट फिल्में भी केवल 2% दर्शक थिएटर में देखते हैं, बाकी ओटीटी या पायरेसी के जरिए फिल्में देखते हैं। उन्होंने सिनेमाघरों की संख्या बढ़ाने और थिएटर-ओटीटी रिलीज के बीच कम से कम तीन-चार महीने का अंतर रखने की सलाह दी।
जावेद अख्तर ने कहा, “यहां तक कि हिट फिल्में भी चार हफ्तों में ओटीटी पर आ जाती हैं।” उन्होंने ‘सुपरबॉयज ऑफ मालेगांव’ का उदाहरण दिया, जिसे समीक्षकों की प्रशंसा मिली, लेकिन बॉक्स ऑफिस पर असफल रही। आमिर ने अपनी पूर्व पत्नी किरण राव की ‘लापता लेडीज’ की असफलता का जिक्र किया, जिसे दर्शकों ने पसंद किया, लेकिन थिएटर में नहीं चली। फिर भी, दोनों आशावादी हैं और कहते हैं, “यह एक चक्र है। गलतियों से सीखकर हम वापसी करेंगे।”
2025 में बॉलीवुड थिएटर में वापसी के लिए तैयार है। आमिर की ‘सितारे जमीं पर’, एक कॉमेडी-ड्रामा, साल के अंत में रिलीज होगी। यह फिल्म 12 हफ्तों तक थिएटर में एक्सक्लूसिव रिलीज की योजना बना रही है, ओटीटी डील से परहेज करते हुए। इसके अलावा, ‘एक्सेल एंटरटेनमेंट’ की बड़ी बजट की फिल्में, जैसे ‘जिगर’ और ‘डॉन 3’, थिएटर में दर्शकों को आकर्षित करने के लिए रिलीज होंगी। 2024 में ‘स्त्री 2’ और ‘भूल भुलैया 3’ जैसी सफल फिल्मों ने थिएटर की संभावनाओं को बढ़ाया है।
लेकिन चुनौतियां बरकरार हैं। पीवीआर इनॉक्स की वित्तीय रिपोर्ट में 2025 के दूसरे तिमाही में 12 करोड़ रुपये के नुकसान का उल्लेख है। दर्शकों को सिनेमाघरों में वापस लाने के लिए कहानी की गुणवत्ता, किफायती टिकट मूल्य और बेहतर सिनेमा अनुभव की जरूरत है। आमिर और जावेद के अनुसार, बॉलीवुड को दक्षिणी सिनेम की तरह जन-उन्मुख कहानियों और भावनाओं पर ध्यान देना होगा। यदि 2025 में यह प्रयास सफल रहा, तो बॉलीवुड फिर से सिनेमाघरों में जादू बिखेर सकता है।