घटाल मास्टरप्लान (Ghatal Master Plan) की योजनाओं को लेकर पिछले कुछ समय से राज्य की राजनीति में हलचल मची हुई है। राज्य में बाढ़ की स्थिति की गंभीरता को देखते हुए इस योजना के लागू होने की आवश्यकता और भी बढ़ गई है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। इस मुद्दे पर अब सवाल उठ रहे हैं, “घटाल मास्टरप्लान अब तक क्यों लागू नहीं हुआ?” यह सवाल अब राज्य के राजनीतिक गलियारों में तूल पकड़ता जा रहा है।
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बीजेपी विधायक शीतल कपाटे ने हाल ही में घटाल के सांसद देव पर तीखा हमला बोला। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, “क्या अब पागलु घटाल में शूटिंग करने आएंगे! अभिनय करते-करते घटाल के लोगों के जीवन और भावनाओं के साथ झूठा अभिनय और कितने दिन करेंगे? घटाल के लोगों को और कितनी बार झूठी वादे देंगे? आपने खुद ढोल बजाया और खुद को मास्टरप्लान चैंपियन कहा और अब घटाल के लोग आपको ढपबाज कह रहे हैं।”
शीतल कपाटे के इस बयान ने राज्य में राजनीतिक विवाद को और बढ़ा दिया है। उनके समर्थकों का कहना है कि देव ने घटाल के लोगों के साथ लगातार धोखा किया है और उनकी वादों का कोई मूल्य नहीं रह गया है।
वहीं, शासक दल तृणमूल कांग्रेस इस विवाद को लेकर पूरी तरह से खामोश है और शीतल कपाटे की आलोचना की है। घटाल तृणमूल जिला अध्यक्ष अजीत माईती ने शीतल कपाटे के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए कहा, “हमने सुना है कि कुछ समय पहले देव को लेकर उनका रवैया अच्छा था। अगर तृणमूल में शामिल होने का उनका इरादा था, तो वह क्यों अब कुत्सित बयान दे रहे हैं?”
इस विवाद में अब यह सवाल उठने लगा है कि घटाल मास्टरप्लान का आखिरकार क्या होगा? क्या देव अपनी वादों को पूरा करेंगे या इस मुद्दे पर राजनीति और बढ़ेगी? राज्य की जनता अब इस सवाल का जवाब चाहती है, और देखते हैं कि इस योजना का कार्यान्वयन कब होगा।
घटाल के लोग आज भी इस योजना की इंतजार में हैं, लेकिन उनके सामने केवल राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप की बौछार हो रही है।