Petrol Price: पेट्रोल-डीजल की कीमतें स्थिर, चेन्नई में मामूली गिरावट!

वर्तमान में देश के अधिकांश शहरों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें (Petrol Price) स्थिर बनी हुई हैं। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और अन्य शहरों में…

Petrol Prices Stable in India, Chennai Sees Minor Dip

वर्तमान में देश के अधिकांश शहरों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें (Petrol Price) स्थिर बनी हुई हैं। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और अन्य शहरों में तेल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं आया है, लेकिन चेन्नई में मामूली गिरावट देखी जा रही है। चेन्नई में लगातार दूसरे दिन पेट्रोल की कीमतें कुछ कम हुई हैं, जो देश के अन्य मेट्रो शहरों से थोड़ा अलग परिस्थिति है।

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2024 के मार्च में आखिरी बार पेट्रोल की कीमत में बड़ा बदलाव हुआ था, जब सरकार ने प्रति लीटर 2 रुपये की कमी की थी। उसके बाद से, देशभर में ईंधन की कीमतें लगभग स्थिर बनी हुई हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि तेल की कीमतें क्यों नहीं बदल रही हैं और यह स्थिरता कैसे बरकरार रखी जा रही है।

ईंधन की कीमतों में स्थिरता का कारण

2022 के मई महीने में केंद्र सरकार और राज्य सरकारों ने ईंधन कर में कमी की थी, जिसके बाद से पेट्रोल और डीजल की कीमतें लगभग अपरिवर्तित रही हैं। इसके बाद से, पेट्रोल-डीजल की कीमतें हर दिन सुबह 6 बजे तय की जा रही हैं, जिसे सार्वजनिक तेल विपणन कंपनियां जैसे भारतीय आयल कॉर्पोरेशन घोषित करती हैं।

देश में ईंधन की कीमतों की स्थिरता का एक बड़ा कारण है अंतर्राष्ट्रीय बाजार की स्थिति और रुपया-डॉलर विनिमय दर। जब अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव होता है, तो इसका सीधा असर देश के बाजारों पर पड़ता है। हालांकि, जब तेल की कीमत स्थिर रहती है, तो यह आम जनता के लिए एक राहत की बात होती है।

हालांकि, इस स्थिरता को बनाए रखना एक बड़ी चुनौती हो सकता है, क्योंकि अगर अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अस्थिरता या रुपया-डॉलर विनिमय दर में बदलाव होता है, तो तेल की कीमतें आसानी से बढ़ सकती हैं। हालांकि सरकार ने कई कदम उठाए हैं, जैसे करों में कमी और विभिन्न राज्यों में ईंधन कीमतों को स्थिर रखने की कोशिश, लेकिन फिर भी देश के घरेलू बाजार में उसका असर हमेशा समान नहीं रहता।

भविष्य की संभावना: तेल की कीमतें कितनी बदल सकती हैं?

आने वाले दिनों में अगर अंतर्राष्ट्रीय बाजार की स्थिति और रुपया-डॉलर विनिमय दर और अस्थिर होती है, तो तेल की कीमतों में बदलाव हो सकता है। हालांकि, पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि का सीधा असर परिवहन क्षेत्र, कृषि क्षेत्र और आम जीवन पर पड़ेगा, इस पर कई लोगों में चर्चा हो रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर तेल की कीमत बढ़ती है, तो इसका प्रभाव परिवहन और कृषि से लेकर आम जीवन पर होगा।

देश की अर्थव्यवस्था के लिए, तेल की कीमतों को स्थिर रखना सरकार की जिम्मेदारी है। हालांकि, अंतर्राष्ट्रीय बाजार की स्थिति को देखते हुए अगर तेल की कीमत अप्रत्याशित रूप से बढ़ती है, तो सरकार उसे नियंत्रित करने के लिए कदम उठाएगी।