BJP की पहली महिला अध्यक्ष 2025 में रचेंगी इतिहास?

भारतीय जनता पार्टी (BJP) अपने 45 साल के इतिहास में पहली बार एक महिला को राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त करने की दिशा में कदम बढ़ा रही…

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भारतीय जनता पार्टी (BJP) अपने 45 साल के इतिहास में पहली बार एक महिला को राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। यह खबर ऐसे समय में सामने आई है जब पार्टी के नए अध्यक्ष के चयन को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व के बीच गतिरोध बना हुआ है। सूत्रों के अनुसार, वर्तमान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, तमिलनाडु की विधायक वनथी श्रीनिवासन और आंध्र प्रदेश की पूर्व बीजेपी राज्य अध्यक्ष डी. पुरंदेश्वरी इस पद के लिए प्रमुख दावेदार हैं। यह निर्णय न केवल पार्टी के लिए ऐतिहासिक होगा, बल्कि यह दक्षिण भारत में बीजेपी के प्रभाव को बढ़ाने और महिला मतदाताओं को आकर्षित करने की रणनीति का हिस्सा भी माना जा रहा है।

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बीजेपी के वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल जनवरी 2023 में समाप्त हो गया था, लेकिन लोकसभा चुनाव 2024 तक उनकी अवधि को बढ़ा दिया गया था। अब, जब पार्टी नए नेतृत्व की तलाश में है, तो आरएसएस ने एक महिला अध्यक्ष की नियुक्ति का समर्थन किया है। सूत्रों का कहना है कि यह कदम पार्टी की उस रणनीति से मेल खाता है, जिसमें 33 प्रतिशत महिला आरक्षण विधेयक को लागू करने की तैयारी की जा रही है, जो अगले परिसीमन के बाद प्रभावी होगा।

प्रमुख दावेदार: निर्मला सीतारमण
निर्मला सीतारमण इस रेस में सबसे आगे मानी जा रही हैं। वर्तमान में केंद्रीय वित्त मंत्री और पूर्व रक्षा मंत्री के रूप में अपनी पहचान बना चुकीं सीतारमण का संगठन में गहरा अनुभव है। दक्षिण भारत, विशेष रूप से तमिलनाडु से ताल्लुक रखने वाली सीतारमण का नाम इस पद के लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि बीजेपी दक्षिणी राज्यों में अपनी पैठ बढ़ाने की कोशिश कर रही है। उनकी नियुक्ति से पार्टी को महिला मतदाताओं और दक्षिण भारत के राज्यों में मजबूती मिलने की उम्मीद है। हाल ही में उन्होंने जेपी नड्डा और महासचिव बीएल संतोष के साथ पार्टी मुख्यालय में एक उच्च-स्तरीय बैठक भी की थी, जो उनके दावे को और मजबूत करता है।

अन्य दावेदार: वनथी श्रीनिवासन और डी. पुरंदेश्वरी
वनथी श्रीनिवासन, जो तमिलनाडु के कोयंबटूर दक्षिण से विधायक हैं, भी इस पद के लिए मजबूत दावेदार हैं। 1993 से बीजेपी के साथ जुड़ीं वनथी ने राज्य सचिव, महासचिव, और तमिलनाडु में उपाध्यक्ष जैसे कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है। 2020 में उन्हें बीजेपी महिला मोर्चा का राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया गया था, और 2022 में वे तमिलनाडु की पहली महिला बनीं जिन्हें बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति में शामिल किया गया।

डी. पुरंदेश्वरी, जो आंध्र प्रदेश की पूर्व बीजेपी राज्य अध्यक्ष रह चुकी हैं, भी इस दौड़ में शामिल हैं। एक बहुभाषी नेता के रूप में उनकी पहचान और राजनीतिक अनुभव उन्हें इस पद के लिए उपयुक्त बनाता है। पुरंदेश्वरी ने “ऑपरेशन सिंदूर” जैसे महत्वपूर्ण प्रतिनिधिमंडलों में हिस्सा लिया है, जिससे उनकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान बनी है।

महिला नेतृत्व का रणनीतिक महत्व
बीजेपी का यह कदम न केवल संगठनात्मक बल्कि रणनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। हाल के चुनावों में, विशेष रूप से महाराष्ट्र, हरियाणा और दिल्ली जैसे राज्यों में, महिला मतदाताओं ने बीजेपी की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। एक महिला अध्यक्ष की नियुक्ति से पार्टी को 2029 के लोकसभा चुनावों में और अधिक महिला मतदाताओं को आकर्षित करने में मदद मिल सकती है। इसके अलावा, दक्षिण भारत में बीजेपी की सीमित उपस्थिति को देखते हुए, एक दक्षिण भारतीय महिला नेता का चयन पार्टी के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है।

आरएसएस का समर्थन और गतिरोध
आरएसएस ने इस कदम का समर्थन करते हुए कहा है कि एक महिला अध्यक्ष की नियुक्ति न केवल प्रतीकात्मक होगी, बल्कि यह पार्टी की छवि को और मजबूत करेगी। हालांकि, नए अध्यक्ष के चयन को लेकर बीजेपी और आरएसएस के बीच कुछ मतभेद भी सामने आए हैं। आरएसएस का मानना है कि अगले अध्यक्ष को संगठन में मजबूत जड़ें रखने वाला होना चाहिए। इस गतिरोध के बावजूद, यह तय है कि बीजेपी जल्द ही अपने नए अध्यक्ष की घोषणा करेगी, और यह पहली बार होगा जब कोई महिला इस पद को संभालेगी।

बीजेपी के इतिहास में पहली महिला अध्यक्ष की नियुक्ति न केवल एक ऐतिहासिक मील का पत्थर होगी, बल्कि यह पार्टी की रणनीति और भविष्य की राजनीति को भी नया आकार देगी। निर्मला सीतारमण, वनथी श्रीनिवासन और डी. पुरंदेश्वरी जैसे नामों के साथ, यह देखना रोचक होगा कि कौन सी नेता इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी को संभालेगी। यह कदम बीजेपी के लिए दक्षिण भारत में विस्तार और महिला मतदाताओं के बीच लोकप्रियता बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकता है।