कोलकाता में अंडे की कीमतों में हालिया वृद्धि ने आम आदमी की रसोई पर असर डाला है। एक समय जहां अंडे की कीमत 6.50 प्रति पीस थी, वहीं अब यह 7 से 8 तक पहुंच गई है। यह वृद्धि न केवल उपभोक्ताओं के बजट पर असर डाल रही है, बल्कि खाद्य सुरक्षा और प्रोटीन आपूर्ति को भी चुनौती दे रही है।
मांग में वृद्धि: सर्दी के मौसम में अंडे की मांग बढ़ जाती है, विशेषकर बेकरी उत्पादों और घरों में पकवानों के लिए। इस बढ़ी हुई मांग ने कीमतों को प्रभावित किया है।
2. आपूर्ति में कमी: पड़ोसी राज्यों में उत्पादन में कमी आई है, जिससे कोलकाता में अंडे की आपूर्ति प्रभावित हुई है।
3.उत्पादन लागत में वृद्धि: मक्का और सोया जैसी प्रमुख खाद्य सामग्री की कीमतों में वृद्धि ने पोल्ट्री फार्मों की उत्पादन लागत बढ़ा दी है, जिसका असर अंडे की कीमतों पर पड़ा है।
4.निर्यात में वृद्धि: बांगलादेश जैसे देशों में अंडे की मांग बढ़ी है, जिससे भारत से निर्यात में वृद्धि हुई है और घरेलू बाजार में आपूर्ति कम हुई है। सरकारी हस्तक्षेप: सरकार को चाहिए कि वह पोल्ट्री उद्योग की समस्याओं का समाधान करे और कीमतों को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाए।
उत्पादन में वृद्धि: पोल्ट्री फार्मों को प्रोत्साहित किया जाए ताकि उत्पादन बढ़े और आपूर्ति में सुधार हो।