जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले के पहाड़ी क्षेत्र भद्रवाह में पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही मूसलधार बारिश के कारण शुक्रवार को एक भीषण भूस्खलन की घटना सामने आई। यह भूस्खलन इतना बड़ा था कि कई घर, खेत, और सड़कें उसकी चपेट में आ गए। स्थानीय प्रशासन ने तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है, जबकि लोगों में भारी दहशत का माहौल है।
भद्रवाह क्षेत्र, जो अपनी खूबसूरत घाटियों और पहाड़ी इलाकों के लिए जाना जाता है, इस तरह की भीषण आपदा के लिए आमतौर पर नहीं जाना जाता। लेकिन इस बार अत्यधिक बारिश के चलते पहाड़ों की मिट्टी अत्यधिक गीली हो गई, जिससे मिट्टी और चट्टानें खिसकने लगीं और यह भूस्खलन हुआ।
स्थिति गंभीर, कई परिवार बेघर
प्रशासन से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस भूस्खलन से कई मकान पूरी तरह तबाह हो गए और दर्जनों परिवारों को अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर भागना पड़ा। हालांकि अब तक किसी की मृत्यु की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन कुछ लोग घायल हुए हैं जिन्हें स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
भूस्खलन की वजह से इलाके की मुख्य सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं, जिससे संचार और आपूर्ति व्यवस्था पर गहरा असर पड़ा है। राहत एवं बचाव कार्य में जुटी NDRF, स्थानीय पुलिस और सेना के जवान लगातार मलबा हटाने और लोगों को सुरक्षित निकालने का प्रयास कर रहे हैं।
लोगों ने या भयावह अनुभवबता
घटना के समय कई लोग अपने घरों में सो रहे थे। स्थानीय निवासी बताते हैं कि आधी रात को एक जोरदार गड़गड़ाहट की आवाज आई और कुछ ही पलों में पूरा इलाका अंधेरे और धूल के गुबार में ढक गया। लोगों ने जैसे-तैसे अपने परिवारों को लेकर घरों से बाहर निकलकर जान बचाई।
एक स्थानीय ग्रामीण रमेश कुमार ने बताया, “ऐसा लग रहा था जैसे पूरा पहाड़ टूट कर नीचे आ रहा हो। हमने तुरंत बच्चों और बुजुर्गों को लेकर गांव से दूर भागने की कोशिश की।”
प्रशासन ने संभाली कमान
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने इस आपदा को गंभीरता से लेते हुए भद्रवाह और आसपास के इलाकों में हाई अलर्ट घोषित कर दिया है। प्रभावित लोगों के लिए अस्थायी राहत शिविर बनाए गए हैं और खाने-पीने के सामान की आपूर्ति की जा रही है।
राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि, “स्थिति पर नजर रखी जा रही है और मौसम विभाग से लगातार संपर्क में हैं। अगले 48 घंटे अत्यंत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि और बारिश की संभावना बनी हुई है।”
मौसम विभाग की चेतावनी
भारतीय मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक जम्मू और कश्मीर के कई इलाकों में भारी बारिश की संभावना जताई है। इससे पहाड़ी इलाकों में और भूस्खलन होने का खतरा है। लोगों को सलाह दी गई है कि वे नदी किनारे और ढलान वाले इलाकों से दूर रहें।
विशेषज्ञों की राय
पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं जलवायु परिवर्तन और अत्यधिक मानवीय हस्तक्षेप का नतीजा हैं। पहाड़ों को काटकर की जा रही निर्माण गतिविधियां, जंगलों की कटाई और अनियोजित विकास इन आपदाओं के पीछे अहम कारण हैं।