कोलकाता का भवानिपुर (Bhowanipur) विधानसभा क्षेत्र पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का अपना विधानसभा क्षेत्र है। 2021 के विधानसभा चुनावों और 2024 के लोकसभा चुनावों में, भवानिपुर के 70 नंबर वार्ड में तृणमूल कांग्रेस भाजपा के मुकाबले बड़े अंतर से पीछे थी। इस 70 नंबर वार्ड के वोट बैंक को लेकर राजनीतिक विश्लेषक कई तरह के विचार व्यक्त कर रहे हैं, और अब यह राजनीतिक चर्चा का मुद्दा बन गया है। अब, इस 70 नंबर वार्ड से ही कोलकाता में दिग्गा के जगन्नाथ मंदिर के महाप्रसाद वितरण की शुरुआत हुई है, जो लोगों का ध्यान आकर्षित कर रहा है।
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इस प्रसाद वितरण के दौरान, वार्ड के काउंसलर असीम बसु ने गुजराती समुदाय के लोगों के घर-घर जाकर प्रसाद वितरित किया और कहा, “मुख्यमंत्री ने प्रसाद भेजा है।” अब सवाल उठता है, क्या यह पहल सिर्फ सामाजिक जिम्मेदारी का हिस्सा है या इसमें वोट बैंक की राजनीति भी शामिल है? राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि वोट का अंक ही सबसे अहम मुद्दा है, जो स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। क्योंकि 2024 के लोकसभा चुनावों के बाद, 2026 के विधानसभा चुनावों की तैयारी शुरू हो चुकी है।
अभी, इस 70 नंबर वार्ड में तृणमूल को भाजपा के मुकाबले 3865 वोटों से पीछे देखा जा रहा है। भवानिपुर विधानसभा क्षेत्र के 8 वार्डों में से 5 वार्डों में भाजपा तृणमूल से आगे थी। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि आगामी चुनावों में इस क्षेत्र के वोट बैंक को फिर से वापस लाने का जिम्मा तृणमूल कांग्रेस की शीर्ष नेतृत्व और वार्ड के काउंसलर पर है। यही कारण है कि काउंसलर ने गुजराती समुदाय के घर-घर जाकर गुजराती भाषा में भी बात की।
हालांकि, काउंसलर असीम बसु इस पूरे प्रसाद वितरण में किसी प्रकार की वोट की राजनीति नहीं देख रहे हैं। उनका कहना है, “मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रसाद सभी तक पहुंचेगा, इसमें वोट ढूंढने की क्या बात है?” उनका यह बयान कहीं ना कहीं एक सकारात्मक संदेश देने की कोशिश है, जिससे यह स्पष्ट हो कि उनका उद्देश्य चुनावी लाभ की बजाय समाज में एकता और भाईचारे को बढ़ावा देना है।
केवल गुजराती समुदाय ही नहीं, काउंसलर ने इस दिन कई अवंगाली परिवारों के पास भी जाकर प्रसाद वितरित किया। यह पहल न केवल एक समुदाय के बीच सीमित रही, बल्कि पूरी समाज की ओर से एक सकारात्मक पहल हो सकती है। भवानिपुर के निवासियों ने काउंसलर को गुजराती में धन्यवाद दिया, जिससे यह पहल न सिर्फ राजनीतिक रूप से, बल्कि सामाजिक रूप से भी सकारात्मक परिणाम देने वाली साबित हो सकती है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की राजनीतिक सफलता भवानिपुर के इस वार्ड में फिर से लौटकर आती है या नहीं, यह भविष्य के चुनावों पर निर्भर करेगा। लेकिन फिलहाल, यह कार्य क्षेत्रीय लोगों के बीच सामूहिक संबंधों को मजबूत करने में मदद कर सकता है।