I-N-D-I-A ने नीतीश कुमार को दिया था प्रधानमंत्री पद का ऑफर!

नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव परिणाम सामने आने के बाद एनडीए को सरकार बनाने का प्रस्ताव राष्ट्रपति से मिला है। एनडीए शपथ ग्रहण की तैयारी…

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नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव परिणाम सामने आने के बाद एनडीए को सरकार बनाने का प्रस्ताव राष्ट्रपति से मिला है। एनडीए शपथ ग्रहण की तैयारी में जुटा है। इस बीच जदयू के खेमे से बड़ी जानकारी सामने आ रही है। जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने एक न्यूज चैनल पर दिए इंटरव्यू में दावा किया है कि इंडी गठबंधन की ओर से नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री पद ऑफर किया गया था। उन्होंने बताया कि जदयू ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया और एनडीए के साथ ही पार्टी मजबूती से नयी सरकार चलाएगी।

जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने एक न्यूज चैनल को दिए अपने इंटरव्यू में बताया कि चुनाव परिणाम आने के बाद इंडी गठबंधन की ओर से नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री पद का ऑफर मिला था। लेकिन हमलोगों ने उसे ठुकरा दिया। उन्होंने कहा कि जब हम साथ थे तो नीतीश कुमार को ये संयोजक बनाने के लिए तैयार नहीं हुए। आज प्रधानमंत्री पद का प्रस्ताव दे रहे हैं। केसी त्यागी ने एनडीए में मजबूती से होने की बात कही।

गौरतलब है कि शुक्रवार को एनडीए संसदीय दल की बैठक हुई जिसमें एनडीए के सभी जीते हुए सांसद व पार्टी के दिग्गज नेता शामिल हुए। नरेंद्र मोदी को एनडीए संसदीय दल का नेता चुना गया। सभी ने प्रधानमंत्री पद के नरेंद्र मोदी के नाम पर अपनी सहमति दी। इस दौरान अपने संबोधन में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि वो मजबूती से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का साथ देते रहेंगे। नीतीश कुमार ने कहा कि जदयू प्रधानमंत्री पद के लिए नरेंद्र मोदी के नाम पर सहमत है और देश में लगातार तीसरी बार एकजुट रहकर सभी एनडीए की सरकार चलाएंगे।

सीएम नीतीश कुमार ने संसद के सेंट्रल हॉल में शुक्रवार को आयोजित एनडीए की बैठक में कहा कि नरेद्र मोदी की अगुवाई मे बनने वाली एनडीए की नयी सरकार से बिहार और देश को बड़ी उम्मीदें है। नयी सरकार देश और बिहार के
सभी बाकी कामो को पूरा करेगी। सीएम नीतीश ने कहा कि हम सब इस सरकार और इसके नेता नरेद्र मोदी के साथ रहेंगे। पीएम के कामकाज की तारीफ भी नीतीश कुमार ने की। बता दें कि इसबार लोकसभा चुनाव परिणाम में जनादेश एनडीए को जरूर मिला है लेकिन नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पहली बार अकेले भाजपा को बहुमत नहीं मिल सका। जिसके बाद विपक्ष की ओर से तरह-तरह के दावे किए जाने लगे।