मध्य पूर्व एक बार फिर उथल-पुथल की ओर बढ़ रहा है। इज़राइली सेना (IDF) ने शुक्रवार सुबह ऐलान किया कि उसने ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर एक पूर्व-सक्रिय, सटीक और संयुक्त सैन्य अभियान शुरू किया है। इस ऑपरेशन का नाम है – “ऑपरेशन राइजिंग लायन”। (Operation Rising Lion)
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IDF ने अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) अकाउंट पर लिखा, “डज़नों इज़राइली वायु सेना के फाइटर जेट्स ने ईरान के कई इलाकों में स्थित सैन्य और परमाणु ठिकानों को सफलतापूर्वक निशाना बनाया।”
IDF ने कहा, “ईरान पहले से कहीं ज्यादा परमाणु हथियार के करीब है। ऐसे हथियार ईरान की कट्टरपंथी सरकार के हाथों में आना न सिर्फ इज़राइल, बल्कि पूरे विश्व के लिए खतरे की घंटी है।”
प्रधानमंत्री नेतन्याहू का बयान
इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बयान जारी कर कहा, “हमारे पास अपने नागरिकों की रक्षा करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। यह अभियान तब तक चलेगा जब तक कि ईरान का खतरा पूरी तरह समाप्त नहीं हो जाता।”
नेतन्याहू ने इस ऑपरेशन को इज़राइल की आत्मरक्षा की दिशा में उठाया गया अनिवार्य कदम बताया।
ईरानी टेलीविजन की रिपोर्ट
ईरान के सरकारी टीवी ने आशंका जताई है कि ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड के प्रमुख इस हमले में मारे गए हो सकते हैं। हालाँकि, इस खबर की आधिकारिक पुष्टि अब तक नहीं हुई है।
विश्व समुदाय की चिंता
संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, रूस और भारत सहित कई देशों ने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर यह टकराव बढ़ा तो इसका असर न केवल मध्य-पूर्व में बल्कि वैश्विक तेल आपूर्ति और राजनीति पर भी होगा।