Gold price: निवेशकों के लिए खुशखबरी, सोने के रेट में आई भारी गिरावट

अगस्त के आखिरी दिनों में सोने का बाजार एक बार फिर चौंका देने वाला साबित हुआ। पिछले कुछ (Gold price) दिनों से सोने की कीमतों…

Gold Price tofay in kolkata

अगस्त के आखिरी दिनों में सोने का बाजार एक बार फिर चौंका देने वाला साबित हुआ। पिछले कुछ (Gold price) दिनों से सोने की कीमतों में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा था। बुधवार को थोड़ी स्थिरता के बाद गुरुवार को एक बार फिर पीली धातु के दामों में तेज़ी आई। इस अचानक उछाल ने आम ग्राहकों से लेकर सर्राफा कारोबारियों तक को हैरान कर दिया।

सोने की कीमतों में नया उछाल

गुरुवार को 22 कैरेट सोने के दामों में प्रति 10 ग्राम (Gold price) पर बड़ी बढ़ोतरी दर्ज की गई। रिपोर्ट के अनुसार, सोने की कीमतें 94 हज़ार रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर को पार कर गई हैं। यह अब तक का एक रिकॉर्ड स्तर माना जा रहा है। पिछले कुछ दिनों से अंतरराष्ट्रीय बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी और कच्चे तेल के बढ़ते दामों का असर सीधे तौर पर सोने की कीमतों पर देखने को मिल रहा है।

आम जनता पर असर

सोने की कीमतों में इस तेज़ी ने सबसे ज़्यादा असर मध्यमवर्गीय परिवारों पर डाला है। परंपरागत रूप से भारतीय परिवारों में सोने को निवेश और बचत के सुरक्षित साधन के रूप में देखा जाता है। शादी-ब्याह हो या कोई भी शुभ अवसर, सोने की खरीदारी का महत्व अलग ही होता (Gold price) है। ऐसे में लगातार बढ़ते दामों ने आम जनता को परेशान कर दिया है। बहुत से लोग जिन्होंने त्योहारों से पहले सोना खरीदने की योजना बनाई थी, उन्हें अब अतिरिक्त खर्च का सामना करना पड़ रहा है।

कारोबारियों की चिंता

सिर्फ ग्राहक ही नहीं, ज्वेलरी कारोबारियों की चिंता भी बढ़ गई है। सर्राफा बाजार के व्यापारियों का कहना है कि पिछले एक साल में सोने की कीमतों में जो उछाल देखने को मिला है, उसने कारोबार को काफी प्रभावित किया है। ग्राहक अब सोना खरीदने में झिझक रहे हैं। बहुत से लोग सोना खरीदने की बजाय पुराने गहने एक्सचेंज करने या हल्के वजन के गहनों की ओर रुख कर रहे हैं। इससे कारोबार की गति धीमी पड़ रही है।

अंतरराष्ट्रीय कारण

विशेषज्ञों का मानना है कि सोने की कीमतों में यह बढ़ोतरी केवल घरेलू नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों का नतीजा है। अमेरिका और यूरोप के बाजारों में आर्थिक मंदी की आशंका, शेयर बाजार की अस्थिरता और भू-राजनीतिक तनाव के कारण निवेशक सोने को सुरक्षित विकल्प मान रहे हैं। इसी वजह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोने की मांग बढ़ी है और इसका सीधा असर भारतीय बाजार पर पड़ा है।

निवेशकों की रणनीति

जहाँ आम जनता बढ़ते दामों से चिंतित है, वहीं निवेशकों के लिए यह एक अवसर भी है। बहुत से निवेशक सोने को लंबे समय के लिए सुरक्षित निवेश मानते हैं। उनका कहना है कि जब भी आर्थिक अनिश्चितता बढ़ती है, सोने की चमक और बढ़ जाती है। यही वजह है कि कई निवेशक अभी भी सोने में पैसा लगा रहे हैं। हालांकि, छोटे निवेशकों और मध्यम वर्ग के लिए यह कदम आसान नहीं है।

आगे की संभावनाएँ

विश्लेषकों का कहना है कि अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार में अस्थिरता बनी रही तो सोने की कीमतें आने वाले दिनों में और भी बढ़ सकती हैं। कुछ विशेषज्ञों ने तो यह भी अनुमान लगाया है कि त्योहार और शादी-ब्याह के सीजन तक 22 कैरेट सोने का दाम 95 हज़ार रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुँच सकता है। हालांकि, सरकार और रिज़र्व बैंक की नीतियाँ भी इस पर असर डाल सकती हैं।