उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले में शनिवार को एक भीषण सड़क हादसे में उत्तर प्रदेश के चार मजदूरों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि तीन अन्य मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए। पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि यह हादसा खटीमा-ननकाना साहिब मार्ग पर हुआ, जब मजदूरों से भरी एक ट्रैक्टर-ट्रॉली की आमने-सामने टक्कर एक पिकअप ट्रक से हो गई।
पुलिस के अनुसार, ये सभी मजदूर उत्तर प्रदेश के सम्भल जिले के रहने वाले थे और उत्तराखंड के खटीमा इलाके में एक ठेकेदार के अधीन निर्माण कार्य में लगे हुए थे। काम खत्म कर वे दिवाली की छुट्टियां मनाने अपने घर लौट रहे थे। मगर नियति को कुछ और ही मंजूर था। सड़क पर हुए इस भीषण हादसे ने उनकी जीवन यात्रा को वहीं समाप्त कर दिया।
हादसा इतना जबरदस्त था कि चार मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई। आसपास के लोगों ने तुरंत पुलिस और एंबुलेंस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को खटीमा के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया। तीनों की हालत गंभीर होने के कारण उन्हें बेहतर इलाज के लिए हायर सेंटर रेफर किया गया है।
मृत मजदूरों की पहचान अभी औपचारिक रूप से नहीं की गई है, लेकिन पुलिस सूत्रों के अनुसार वे सभी एक ही गाँव या पास-पड़ोस के इलाके से थे और एक ही ठेकेदार के लिए काम करते थे। उनकी असमय मौत की खबर जब उनके गांव सम्भल पहुंची, तो वहां कोहराम मच गया। दिवाली की तैयारियों में जुटे परिवार एक ही पल में मातम में डूब गए।
इस घटना ने एक बार फिर सड़कों की सुरक्षा और प्रवासी श्रमिकों की यात्रा की दुर्दशा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ट्रैक्टर-ट्रॉली जैसे वाहनों में यात्रियों को ले जाना न केवल गैरकानूनी है, बल्कि जानलेवा भी साबित हो सकता है। फिर भी मजदूरों को सस्ते साधनों में लंबी दूरी तय करनी पड़ती है, क्योंकि उनके पास सुरक्षित परिवहन के लिए संसाधन नहीं होते।
पुलिस का कहना है कि हादसे के कारणों की जांच की जा रही है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार यह हादसा अत्यधिक गति या चालक की लापरवाही के कारण हुआ हो सकता है। संबंधित वाहनों को जब्त कर लिया गया है और चालक की तलाश की जा रही है। प्रशासन ने मृतकों के परिवारों को हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया है।
घटना के बाद स्थानीय लोगों में भी गहरा रोष देखा गया। उनका कहना है कि इस मार्ग पर अक्सर तेज रफ्तार से वाहन चलते हैं, और पुलिस की निगरानी बेहद कम है। लोगों ने मांग की है कि इस सड़क पर स्पीड ब्रेकर और यातायात नियंत्रण की व्यवस्था की जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं टाली जा सकें।