असम दौरे पर राहुल गांधी, जुबीन गर्ग के परिवार से की मुलाकात

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने असम के कामरूप ज़िले में स्थित जुबीन गर्ग के निवास पर पहुंचकर उनके परिवार से मुलाकात की और…

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कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने असम के कामरूप ज़िले में स्थित जुबीन गर्ग के निवास पर पहुंचकर उनके परिवार से मुलाकात की और गहरी संवेदना प्रकट की। 19 सितंबर को सिंगापुर में रहस्यमय परिस्थितियों में दुनिया को अलविदा कहने वाले प्रसिद्ध गायक और सांस्कृतिक प्रतीक जुबीन गर्ग के निधन ने पूरे असम को झकझोर कर रख दिया था।

राहुल गांधी ने जुबीन गर्ग को श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें ‘कंचनजंघा’ के समान बताया – एक ऐसा पर्वत जो ईमानदारी, पारदर्शिता, दृढ़ता और सौंदर्य का प्रतीक है। उन्होंने कहा, “जुबीन गर्ग केवल एक गायक नहीं थे, बल्कि असम की आत्मा की आवाज़ थे। उनकी मौत की सच्चाई सामने आनी चाहिए और इसके लिए निष्पक्ष व पारदर्शी जांच आवश्यक है।” 52 वर्षीय जुबीन गर्ग न सिर्फ एक गायक बल्कि असम की संस्कृति के प्रतीक थे। उनके गीतों में सामाजिक संदेश, प्रेम, प्रकृति और असमिया अस्मिता की झलक मिलती थी। उन्होंने हिंदी फिल्मों में भी कई गीत गाए, लेकिन उनकी असली पहचान असम के लोकगीतों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों से थी।

उनकी लोकप्रियता का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब उनका पार्थिव शरीर 23 सितंबर को असम लाया गया और पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार हुआ, तो हजारों की भीड़ उमड़ पड़ी। लोग भावुक होकर उनके गीत गा रहे थे, पोस्टर और तस्वीरें लेकर उनके अंतिम दर्शन करने पहुंचे थे।

शुरुआत में जुबीन गर्ग की मौत को एक **स्कूबा डाइविंग दुर्घटना** के रूप में देखा गया, लेकिन कुछ ही दिनों में मामला रहस्यमयी होता गया। उनकी पत्नी गरिमा गर्ग ने खुलकर कहा कि उन्हें जुबीन की मौत में साजिश की बू आ रही है।

गरिमा के अलावा जुबीन के हजारों प्रशंसकों ने भी सोशल मीडिया और धरनों के माध्यम से मामले की जांच की मांग की है। कई लोगों ने यह आरोप लगाया कि जुबीन गर्ग की मौत में किसी का हाथ हो सकता है और इसे दुर्घटना के रूप में दिखाया जा रहा है।

राहुल गांधी ने इस संवेदनशील मुद्दे पर स्पष्ट रुख अपनाते हुए कहा कि यह सिर्फ एक कलाकार की मौत नहीं, बल्कि असम की सांस्कृतिक चेतना पर गहरी चोट है। उन्होंने कहा, “अगर इस घटना में कोई षड्यंत्र है तो उसकी परतें खुलनी चाहिए। जनता को सच्चाई जानने का हक है।”

राहुल गांधी का यह दौरा असम की राजनीति और जनभावनाओं के बीच एक महत्वपूर्ण मोड़ की तरह देखा जा रहा है। वे न केवल एक संवेदनशील नेता के रूप में सामने आए, बल्कि उन्होंने यह भी दिखाया कि कांग्रेस असम के सांस्कृतिक और सामाजिक मुद्दों के प्रति गंभीर है।