राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने गुरुवार को एक संवाद सत्र में देश, राजनीति (Mohan Bhagwat) और समाज से जुड़े तमाम सवालों पर खुलकर अपनी राय रखी। उनके भाषण में जहाँ इस्लाम को लेकर सकारात्मक और सहिष्णु दृष्टिकोण सामने आया, वहीं भाजपा और संघ के रिश्तों पर चल रही अटकलों को भी उन्होंने सिरे से नकार दिया।
भागवत ने कहा, “भारत में इस्लाम हमेशा रहेगा। यह भूमि उसकी भी है, यहाँ उसका भी अधिकार है।” उनके इस बयान को राजनीतिक हलके ‘आरएसएस का नरम चेहरा’ बता रहे हैं, लेकिन आम लोगों के लिए यह एक नया संदेश है।
उन्होंने साफ कहा कि आरएसएस और भाजपा के बीच कोई दरार नहीं है। “संघ जानता है कि शाखा कैसे चलानी है और भाजपा जानती है कि सरकार कैसे चलानी है। हम एक-दूसरे को केवल सुझाव देते हैं, आदेश नहीं।”(Mohan Bhagwat)
साढ़े दो घंटे चले इस संवाद में उनसे कई तरह के सवाल पूछे गए— मनुस्मृति से लेकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), टैरिफ से लेकर जाति, शिक्षा, देशभक्ति, राष्ट्रीय भाषा, विभाजन, अवैध घुसपैठ और मुसलमानों पर हमले तक।
सबसे ज्यादा चर्चा हुई राजनीति में सेवानिवृत्ति की उम्र को लेकर। हाल ही में कयास लगाए जा रहे थे कि भागवत ने इशारा किया है कि 75 वर्ष की उम्र पार करते ही नेताओं को संन्यास ले लेना चाहिए। सितंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भागवत दोनों ही 75 वर्ष के होने वाले हैं। इस संदर्भ में उन्होंने साफ कहा, “मैंने कभी नहीं कहा कि मैं या कोई और 75 की उम्र में रिटायर हो जाएगा। ऐसी बातें पूरी तरह आधारहीन हैं।”(Mohan Bhagwat)
आखण्ड भारत पर भी उन्होंने अपनी स्थिति स्पष्ट की। उनके अनुसार, “आखण्ड भारत एक अपरिवर्तनीय वास्तविकता है।” यानी भले ही राजनीतिक या भौगोलिक सीमाएँ बदल जाएँ, लेकिन भारत का सांस्कृतिक एकत्व कभी टूट नहीं सकता।
भागवत ने शिक्षा, तकनीक और देशभक्ति पर भी अपने विचार रखे। उनका कहना था, “देशभक्ति का अर्थ केवल नारेबाजी नहीं, बल्कि समाज के हर स्तर पर जिम्मेदारी निभाना है।” साथ ही, AI और आधुनिक तकनीक के क्षेत्र में भारत को दुनिया के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना होगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि भागवत का यह वक्तव्य केवल राजनीतिक संदेश नहीं बल्कि संघ की भविष्य की रणनीति की भी झलक है। एक ओर मुसलमानों को भरोसा दिलाना, दूसरी ओर भाजपा के साथ मतभेद की अफवाह को नकारना— इन दोनों संकेतों के माध्यम से उन्होंने संतुलित छवि प्रस्तुत करने की कोशिश की।