भाई को टीका कब लगाएं? किस दिशा में बैठना है? जानें भाई दूज से जुड़ी जरूरी बातें

भारतीय संस्कृति में भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को समर्पित कई पर्व हैं, लेकिन **भाई दूज** का स्थान इनमें विशेष है। बंगाल में इसे **”भाइফোঁटा”** कहा…

Bhai Dooj 2025: Auspicious Tika Timings and Vrat Details Inside

भारतीय संस्कृति में भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को समर्पित कई पर्व हैं, लेकिन **भाई दूज** का स्थान इनमें विशेष है। बंगाल में इसे **”भाइফোঁटा”** कहा जाता है और यह पर्व **कार्तिक शुक्ल द्वितीया** तिथि को मनाया जाता है। दीपावली और काली पूजा के ठीक बाद, जब अमावस्या बीत जाती है, तब कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि में यह पर्व उत्साहपूर्वक मनाया जाता है।

यह पर्व केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि भाई-बहन के अटूट प्रेम, आशीर्वाद और सुरक्षा के वचन का प्रतीक है।विशुद्ध सिद्धांत पंचांगके अनुसार, भाई दूज 2025 की तिथि 22 अक्टूबर, बुधवारको पड़ रही है। यह दिन बंगाली पंचांग के अनुसार 5 कारতक। द्वितीया तिथि समाप्त: 23 अक्टूबर, गुरुवार, रात 10:47 बजे

इसका अर्थ है कि भाई दूज का शुभ समय 23 अक्टूबर को दिन में रहेगा जब बहनें अपने भाइयों को तिलक (फোঁटा) देकर उनकी दीर्घायु और सुख-समृद्धि की कामना करेंगी। भाई दूज का पर्व एक विशेष अनुष्ठान से जुड़ा हुआ है और इसे पूरी श्रद्धा और नियम के साथ मनाना चाहिए।. भाई को उत्तर या उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर मुख करके बैठना चाहिए। बहन को पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठना चाहिए। यह दिशाएं वास्तु और धर्मशास्त्रों के अनुसार शुभ मानी जाती हैं।

बहनें इस दिन भाई को देने तक उपवास रखती हैं। पूजा पूरी होने के बाद ही वे उपवास तोड़ती हैं। यह उपवास भाई की लंबी उम्र और कल्याण के लिए रखा जाता है।