‘2018 में संन्यास का मन बना लिया था…’ मोहम्मद शमी की अनसुनी कहानी का खुलासा, बोले भारत अरुण

भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) के पूर्व गेंदबाजी कोच भारत अरुण (Bharat Arun) ने हाल ही में एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने…

Indian Cricket Team bowler Mohammed Shami like to retire cricket in 2018 saved by Ravi Shastri says Bharat Arun

भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) के पूर्व गेंदबाजी कोच भारत अरुण (Bharat Arun) ने हाल ही में एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि 2018 में तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी (Mohammed Shami) ने क्रिकेट छोड़ने का मन बना लिया था। लेकिन उस कठिन समय में मुख्य कोच रवि शास्त्री (Ravi Shastri) की प्रेरणा ने उन्हें दोबारा उभरने में मदद की।

भारत अरुण ने Times of India के एक पॉडकास्ट में कहा, “2018 में इंग्लैंड दौरे से ठीक पहले अफगानिस्तान के खिलाफ एकमात्र टेस्ट मैच था बेंगलुरु में। उस मैच से पहले शमी फिटनेस टेस्ट में फेल हो गए और टीम से बाहर कर दिए गए। उस समय वे निजी जीवन में भी काफी संघर्ष कर रहे थे।”

अरुण ने आगे बताया, “एक दिन शमी मेरे कमरे में आया और बोला, ‘पाजी, मैं क्रिकेट छोड़ दूंगा।’ मैं हैरान रह गया। वह बहुत निराश था। मैंने उससे पूछा, ‘अगर क्रिकेट नहीं रहा तो क्या करोगे? जो कुछ भी तुम आज हो, वह क्रिकेट की वजह से ही हो।’ लेकिन उसमें बहुत गुस्सा था। फिर मैं उसे रवि शास्त्री के पास ले गया।”

भारत अरुण ने बताया, “शास्त्री ने उससे कहा, ‘तुम्हारा शरीर फिट नहीं है, तो क्रिकेट छोड़ दोगे? अगर गुस्सा है, तो उसे गेंद के ज़रिए मैदान पर दिखाओ।’ फिर हमने शमी को नेशनल क्रिकेट एकेडमी (NCA) भेजा और सिर्फ एक ही निर्देश दिया – कोई बॉलिंग नहीं, सिर्फ फिजिकल ट्रेनिंग।”

तीन हफ्तों में ही शमी का बदला रूप देखने को मिला। भारत अरुण ने हँसते हुए कहा, “तीन हफ्ते बाद शमी ने मुझे कॉल किया और बोला, ‘पाजी, अब तो मैं घोड़े की तरह दौड़ रहा हूं।’ तभी मुझे यकीन हो गया कि वह वापसी करेगा।”

इसके बाद शमी को इंग्लैंड दौरे के लिए टीम में जगह मिली। उन्होंने 5 टेस्ट मैचों में 16 विकेट लिए। भले ही भारत वह सीरीज़ 4-1 से हार गया, लेकिन शमी का प्रदर्शन काबिल-ए-तारीफ़ रहा। इसके बाद वे तीनों फॉर्मेट में टीम इंडिया का अहम हिस्सा बन गए।

हालांकि, 2023 के बाद से शमी फिर से टीम से बाहर हो गए – चोट और फॉर्म दोनों की वजह से। उन्होंने आखिरी बार भारत के लिए आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल में खेला था। इसके बाद से उन्हें किसी भी फॉर्मेट में टीम में नहीं चुना गया है।

वर्तमान में शमी दलीप ट्रॉफी में ईस्ट जोन के लिए खेल रहे हैं। हाल ही में एशिया कप टीम में भी उन्हें शामिल नहीं किया गया। अब राष्ट्रीय टीम में वापसी का एकमात्र रास्ता घरेलू क्रिकेट में प्रदर्शन ही है।

मोहम्मद शमी की यह संघर्ष भरी कहानी हर युवा खिलाड़ी के लिए एक प्रेरणा है – कि कैसे मुश्किल समय में आत्मविश्वास और सही मार्गदर्शन किसी को फिर से खड़ा कर सकता है।