महंगा हुआ ईंधन, रूस पर अमेरिकी प्रतिबंध के चलते कीमतों में उछाल

अंतरराष्ट्रीय बाजार में रूस की दो बड़ी तेल कंपनियों पर अमेरिका द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों का असर अब भारत में भी दिखाई दे रहा है।…

Citywise Fuel Price Update: Petrol and Diesel Rates on October 28

अंतरराष्ट्रीय बाजार में रूस की दो बड़ी तेल कंपनियों पर अमेरिका द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों का असर अब भारत में भी दिखाई दे रहा है। इन प्रतिबंधों के कारण रूस से तेल की खरीद प्रभावित हुई है, जिससे वैश्विक बाजार में क्रूड ऑयल की कीमतों में तेजी आई है। इस वृद्धि का असर आज भारतीय सरकारी तेल कंपनियों द्वारा जारी पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों में देखा गया।

हालांकि, देश के प्रमुख महानगरों जैसे दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई में तेल की कीमतों में इस समय कोई बड़ा बदलाव नहीं देखा गया। लेकिन कुछ राज्यों और शहरों में पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़कर उपभोक्ताओं के लिए महंगाई का नया झटका बन गए हैं। सरकारी तेल कंपनियों की जानकारी के अनुसार, उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले में पेट्रोल की कीमत 25 पैसे घटकर 94.87 रुपये प्रति लीटर हो गई है। वहीं डीजल की कीमत 28 पैसे गिरकर 88.01 रुपये प्रति लीटर हो गई है। यह कमी उपभोक्ताओं के लिए थोड़ी राहत लेकर आई है, लेकिन बाजार में लगातार उतार-चढ़ाव जारी है।

गाजियाबाद में पेट्रोल की कीमत 19 पैसे बढ़कर 94.89 रुपये प्रति लीटर हो गई है। वहीं डीजल की कीमत में 22 पैसे की वृद्धि हुई और यह 88.03 रुपये प्रति लीटर पर बिक रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह बदलाव अंतरराष्ट्रीय तेल बाजार और स्थानीय मांग-आपूर्ति के संतुलन के कारण हुआ है पटना में आज पेट्रोल के दाम 70 पैसे बढ़कर 106.11 रुपये प्रति लीटर  हो गए। डीजल की कीमत में भी 66 पैसे की वृद्धि हुई और यह 92.32 रुपये प्रति लीटर पर पहुँच गया। इस बढ़ोतरी का असर रोजमर्रा के परिवहन और औद्योगिक गतिविधियों पर भी पड़ सकता है। स्थानीय लोग महंगाई की चिंता जाहिर कर रहे हैं और आने वाले दिनों में तेल की कीमतों के रुझान पर नजर रख रहे हैं। विश्लेषकों का कहना है कि अमेरिका द्वारा रूस की तेल कंपनियों पर लगाए गए प्रतिबंधों ने अंतरराष्ट्रीय तेल बाजार में अनिश्चितता पैदा कर दी है। इस कारण क्रूड ऑयल की कीमतों में उछाल आया है। भारत जैसे देशों में जहां रूस से तेल की आयात निर्भरता है, वहां इसका सीधा असर पेट्रोल और डीजल के दामों पर पड़ता है।

तेल की बढ़ती कीमतों से सामान्य जनता और व्यवसाय दोनों प्रभावित होंगे। पेट्रोल-डीजल पर हर बढ़ोतरी का असर परिवहन, खाद्य वितरण और दैनिक जीवन की लागत पर पड़ता है। विशेषज्ञ सुझाव दे रहे हैं कि आने वाले हफ्तों में अंतरराष्ट्रीय बाजार और घरेलू मांग के आधार पर कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है।